यह हमारा भारत है। हम यहाँ हज़ारो सालो से मिलजुल कर रह रहे है। यहाँ अकबर बादशाह के साथी हिन्दू (राजा मान सिंह) और महाराणा प्रताप के साथी मुस्लिम (हकीम खान सुर ) हुआ करते थे । यहाँ टीपू सुल्तान की फ़ौज में हिन्दू सेनापति और मराठा की फ़ौज में मुस्लिम सेनापति होआ करते थे। यहाँ मुस्लिम राष्ट्रपति और हिन्दू प्रधानमंत्री ने साथ साथ काम किया हैं। पर आज जब हम अपने समाज को देखते है तो ऐसा भय देखने को मिलता हे जैसा की कभी नही देखा गया। आज 80 % हिन्दू को 14 - 15 % मुस्लिम का नाम लेकर डराया जाता है। और अफ़सोस इस काम में हमारी मीडिया बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है
क्या इस देश का कोई समुदाय इस देश के साथ धोख़ा कर सकता है?
मगर अगर किसी एक व्यक्ति की गलती को उसके समुदाय से जोड़ा गया तो ये बिलकुल भी सही नही होगा. आज मुस्लिम को ऐसी नज़रो से देखा जाने लगा है जैसे वो इस देश का नागरिक ही न हो। जैसे यह देश उसका ना हो। जैसे इस देश के लिए उसने अपनी क़ुरबानी न दी हो। यह वो देश हे जहा बहुत से धर्म, जातीय साथ साथ मिल जुल कर दीवाली, ईद ,लोहरी, क्रिसमस मानते है यह देश हम सबका है
आने वाला समय हम भारतीयों है बस ज़रूरत है तो केवल साथ चलने की।
बस अन्त में यही कहना चाहूंगा ...
मज़हब नही सिखाता आपस में बेर रखना , हिंदी है हम हिंदुस्तान हमारा।
जानिसार अख़्तर
क्या इस देश का कोई समुदाय इस देश के साथ धोख़ा कर सकता है?
इसका जवाब तलाशने के लिए मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे या गिरजाघर जाने की ज़रूरत है ना की शराबी हालात में पडे शराबी की राय लेने की।
मगर अगर किसी एक व्यक्ति की गलती को उसके समुदाय से जोड़ा गया तो ये बिलकुल भी सही नही होगा. आज मुस्लिम को ऐसी नज़रो से देखा जाने लगा है जैसे वो इस देश का नागरिक ही न हो। जैसे यह देश उसका ना हो। जैसे इस देश के लिए उसने अपनी क़ुरबानी न दी हो। यह वो देश हे जहा बहुत से धर्म, जातीय साथ साथ मिल जुल कर दीवाली, ईद ,लोहरी, क्रिसमस मानते है यह देश हम सबका है
आने वाला समय हम भारतीयों है बस ज़रूरत है तो केवल साथ चलने की।
बस अन्त में यही कहना चाहूंगा ...
मज़हब नही सिखाता आपस में बेर रखना , हिंदी है हम हिंदुस्तान हमारा।
जानिसार अख़्तर
Nice...
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